विनोद कुमार जाखड़ द्वारा रचित .
जैसा कि आप सभी जानते हें कि राजस्थानी में ऐक कहावत है की -----
गाँव -गाँव गोगो अर गाँव -गाँव खेजड़ी -
वास्तव में यह कहावत सत्य है क्योंकि जाहरवीर गोगाजी महाराज जन जन के दिल में बसे हुए है , भारत की ज्यादातर जनसँख्या गाँवो में निवास करती है , और हर गाँव में गोगाजी के मंदिर हमें देखने को मिलते है ,ऐसा ही राजस्थान के चुरू ज़िले में एक गाँव है ददरेवा (गोगाजी जन्म स्थान ) जहाँ गोगाजी का जन्म हुआ था और यहां आज भी हर वर्ष सावन और भादो मास मैं विशाल मेला लगता है गोगा भगत यहां की पवित्र मिटटी का अपने माथे पर तिलक लगाकर अपने को धन्य मानते है ---
लोगो की मानता है की ददरेवा मैं एक कुआ है जो गोगाजी के समय का है जो वर्षों पहले सूख गया था . उस कुए को लोग बोड़ेया कुआ के नाम से पुकारते है और भगवान गोगाजी की कृपा से आज कल इस कुए में दूध जैसा सफेद और निर्मल पानी निकलने लग गया ह यह कुआ ददरेवा में आने वाले सभी भगतों के लिये आस्था का प्रतीक बना हुआ है !
चित्र सन्दर्भ :-----
(1) विनोद जाखड़ द्वारा भेंट गोगाजी मुर्ति !
(2) गोगाजी मन्दिर का मुख्य प्रवेस द्वार !
(3)गोगाजी मन्दिर का मुख्य प्रवेस द्वार !
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