सोमवार, 17 सितंबर 2012

गोगाजी मंदिर मे तुगलक का सहयोग !

                               गोरख गँगा ददरेवा धाम (चुरू )
चौहान वंश में राजा पृथ्वीराज चौहान के बाद गोगाजी वीर और ख्याति प्राप्त राजा थे। ददरेवा मे गोगाजी मंदिर विशाल भवन के रूप में नगर के बीच  व गोगामेडी में गोगाजी का मंदिर एक ऊंचे टीले पर मस्जिदनुमा बना हुआ है, इसकी मीनारें मुस्लिम स्थापत्य कला का बोध कराती हैं। मुख्य द्वार पर  बिस्मिला अंकित है। मंदिर के मध्य में गोगाजी का मजार है (कब्र) है। साम्प्रदायिक सद़भावना के प्रतीक गोगाजी के मंदिर का निर्माण गोगामेडी में  बादशाह फिरोजशाह तुगलक ने कराया था। संवत 362 में  फिरोजशाह तुगलक हिसार होते हुए सिंध प्रदेश को विजयी करने जाते समय गोगामेडी में ठहरे थे। रात के समय बादशाह तुगलक व उसकी सेना ने एक चमत्कारी दृश्य देखा कि मशालें लिए घोड़ों पर सेना आ रही है। तुगलक की सेना में हा-हाकार मच गया। तुगलक कि सेना के साथ आए धार्मिक विद्वानों ने बताया कि यहां कोई महान हस्ती आई हुई है। वो प्रकट होना चाहती है। फिरोज तुगलक ने लड़ाई के बाद आते समय  गोगामेडी में मस्जिदनुमा मंदिर का निर्माण करवाया और पक्की मजार बन गई। तत्पश्चात मंदिर का जीर्णोद्वार बीकानेर के महाराज काल में 1887 व 1943 में करवाया गया।
गोगाजी का यह मंदिर आज हिंदू, मुस्लिम, सिख व ईसाईयों में समान रूप से श्रद्वा का केंद्र है। सभी धर्मो के भक्तगण यहां गोगा मजार के  दर्शनों हेतु भादव मास में उमड़ पडते हैं। राजस्थान का यह गोगामेडी नाम का छोटा सा गांव भादव मास में एक नगर का रूप ले लेता है और लोगों का अथाह समुद्र बन जाता है। गोगा भक्त पीले वस्त्र धारण करके अनेक प्रदेशों से यहां आते हैं। सर्वाधिक संख्या उत्तर प्रदेश हरियाणा देहली व बिहार के भक्तों की होती है। नर-नारियां व बच्चे पीले वस्त्र धारण करके विभिन्न साधनों से ददरेवा व गोगामेडी पहुंचते हैं। स्थानीय भाषा में इन्हें पूरबिये कहते हैं। भक्तजन अपने-अपने निशान जिन्हे गोगाछड़ी भी कहते हैं लेकर मनौति मांगने नाचते-गाते ढप,ढोल व डमरू बजाते व कुछ सांप लिए भी नाचते गाते आते हैं। गोगा को सापों के देवता के रूप में भी माना जाता है। हर धर्म व वर्ग के लोग गोगाजी की छाया चढ़ाकर नृत्य की मुद्रा में सांकल,तलवार व छड़ी खाते व पदयात्रा करते तथा गोरखनाथ टीले से लेटते हुए गोगाजी के समाधि स्थल तक पहुंचते हैं। नारियल, बताशे का प्रसाद चढ़ाकर मनौति मांगते र्हैं।
गोगाजी को राजस्थान के मेवाड़ इलाके मे गातोड जी के नाम से जानते है!.

5 टिप्‍पणियां:

Mahaveer Bhadu ने कहा…

Mahaveer Bhadu

umeshrathaur1982@gmail.com ने कहा…

श्री गोगा जी किसके अवतारी ःहै

बेनामी ने कहा…

Ry

बेनामी ने कहा…

Ry

बेनामी ने कहा…

Vishnu ji ka