शनिवार, 1 सितंबर 2012

ददरेवा तेरी मिटटी सोना

ददरेवा तेरी मिटटी सोना  

 

               गोगा भगतों कि मानता है की ददरेवा मैदान (रण ) की पवित्र मिटटी को काले सर्प के काटने पर लगाने से सर्प का जहर नहीं  फैलता व् असाद्ये बीमारी मे काम लेने पर वह ठीक हो जाती है  इस लिए लोग इस मिटटी की खीर बनाकर खाते है ! इस मिटटी का रंग सफेद है मान्यता है की इस रण  मे माता बाछल का दही से भरा मटका फूट गया था इसलिय इस मिटटी का रंग सफ़ेद हो गया ,गोगाजी मेले  में आने वाले श्रदालू इस  मिटटी का भोग  लगाकर गोगाजी यात्रा  सफल मानते है ,उलेखनीय है की सावन और भादो मास मे यहां गगन भेदि गोगाजी के  जयकारे लगते है गोगाजी मन्दिर से 1 किलो मीटर दूर गुरु गोरख नाथ जी का मंदिर है जहा गोरख नाथ ने माता बाछल को पुत्र प्राप्ती का वरदान दीया था इसलिय किसी ने सच्च ही कहा है -
  धन्य बागड़ देश है ददरेवा नगर सुजान !

2 टिप्‍पणियां:

naresh puniya ने कहा…

vinod bhai jai goga ji

बेनामी ने कहा…

Jai dada pir